जब पिन्तेकुस का दिन आया, तो वे सब एक जगह इकट्ठे थे। और एकाएक आकाश से बड़ी आंधी की सी सनसनाहट का शब्द हुआ, और उस से सारा घर जहां वे बैठे थे, गूंज गया।
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तुम ने मुझे नहीं चुना परन्तु मैं ने तुम्हें चुना है और तुम्हें ठहराया ताकि तुम जाकर फल लाओ; और तुम्हारा फल बना रहे, कि तुम मेरे नाम से जो कुछ पिता से मांगो, वह तुम्हें दे।अगला श्लोक!विषय के अनुसार बाइबिल छंद
- अनन्त जीवन
- आज्ञाकारिता
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- इनाम
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- प्यार
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- बुराई
- बोला जा रहा है
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